Tripuresh Bhairav Sadhana
त्रिपुरेश भैरव साधना का मुख्य उद्देश्य सिद्धियों की प्राप्ति और अध्यात्मिक उन्नति है। यह साधना भगवान भैरव के एक विशेष रूप को प्राप्त करने के लिए की जाती है जिन्हें त्रिपुरेश भैरव कहा जाता है। त्रिपुरेश भैरव साधना के द्वारा साधक को जीवन में सफलता, सिद्धियाँ, और अध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। त्रिपुरेश भैरव साधना की प्रक्रिया विशेषता से योग्य गुरु के मार्गदर्शन में की जानी चाहिए। साधक को पहले भैरव की पूजा करनी चाहिए और उसके बाद साधना का आरंभ करना चाहिए। साधना के दौरान साधक को मंत्र का जाप करना चाहिए और उसके बाद भैरव को प्रसन्न करने के लिए उपहार चढ़ाना चाहिए। साधना के दौरान साधक को मन, वचन, और कर्म से ईश्वर के प्रति समर्पित रहना चाहिए।
त्रिपुरेश भैरव साधना के लाभ:
- सफलता की प्राप्ति: साधना करने से साधक को जीवन में सफलता मिलती है और उसके कार्यों में सिद्धि होती है।
- सिद्धियाँ: त्रिपुरेश भैरव साधना करने से साधक को विभिन्न सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं जो उसके जीवन को समृद्धि और उज्ज्वलता से भर देती हैं।
- अध्यात्मिक उन्नति: साधना से साधक की अध्यात्मिक उन्नति होती है और उसका मानवीय और आध्यात्मिक दृष्टिकोण मजबूत होता है।
- भैरव की कृपा: त्रिपुरेश भैरव साधना करने से भैरव की कृपा प्राप्त होती है और साधक को उसका आशीर्वाद मिलता है।
- आत्मविश्वास: साधक का आत्मविश्वास और सामर्थ्य बढ़ता है जो उसे जीवन में कठिनाइयों का सामना करने में मदद करता है।
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